लगे है फोन जबसे तार भी नहीं आते,
बूढी आँखों के अब मददगार भी नहीं आते,
गए है जबसे शहर में कमाने को लड़के,
हमारे गाँव में त्यौहार भी नहीं आते।
बूढी आँखों के अब मददगार भी नहीं आते,
गए है जबसे शहर में कमाने को लड़के,
हमारे गाँव में त्यौहार भी नहीं आते।
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